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Understanding Cerebral Palsy
सेरेब्रल पाल्सी अथवा प्रामस्तिष्क घात मुख्यतः मस्तिष्क पर किसी प्रकार की चोट अथवा असामान्य विकार की वजह से शिशुओ मे होती है . यह एक नॉन प्रोग्रेसिव डिसॉर्डर है जिसमे मस्तिष्क का जो भाग शतिग्रस्त हुआ है वह समय के साथ वैसा हे रहता है एवम आगे उसका षरन नही होता है.

भारत मे एक हज़ार लाईव बर्थ मे से ३ % शिशुओ मे c.P होता है और संपूर्ण भारत मे २५ लाख से ज़्यादा CP मामले वर्तमान समय मे है.

सेरेब्रल पॉल्ज़ी के लक्षण:

१. सीबरल पॉल्ज़ी से पीड़ित शिशु का शारीरिक विकास सामान्य बच्चो की अपेक्षा विलंब से होता है
२. ६ माह की आयु तक सोशल स्माइल नही देते
३. ध्वनि के प्रति प्रतिक्रिया व्यक्त नही करते
४. ८ माह के होने पर भी सिर और गर्दन नही संभाल पाते
५. हाथों और पैरो की मांसपेशिया अत्यधिक कड़क अथवा ढीली होती है
६. हाथों की मुट्ठी कसी हुई रहती है
७. हाथों की पकड़ कमजोर होती है
८. १२ माह का होने पर भी बच्चा स्वयं अपने शरीर का संतुलन नही बना पता
९. रीढ़ की हड्डी आगे की और झुकी हुई होती है, बच्चा आगे की और झुककर बैठता है
१०. पैर तिरछे प्रतीत होते है


Dr. Pooja Pathak
@swavalambanrehab

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Understanding Bipolar Disorder ( Depression n Mania)
बाइपोलर डिसऑर्डर (द्विध्रुवी विकार) मूड डिसऑर्डर के अंतर्गत अन्य वाले मानसिक विकारों की श्रेणी में आता है, जिसमे प्रभावित व्यक्ति की मनोदशा, स्वभाव और ऊर्जा के स्तर में नाटकीय परिवर्तन देखने को मिलते है.

Bipolar disorder is in a class of mood disorders that is marked by dramatic changes in mood, energy and behavior. The key characteristic of people with bipolar disorder is alternating between episodes of mania (extreme elevated mood) and depression (extreme sadness). These episodes can last from hours to months.

स्वाभाव में होने वाले इन परिवर्तनों के परिणामस्वरूप व्यक्ति की दैनिक क्षमता एवं कार्यशीलता भी प्रभावित हो जाती है.जब व्यक्ति मेनिया के दौर में आता है तब वह वास्तविकता एवं यथार्थ से कट जाता है एवं अत्यधिक जोश,उत्साह का अनुभव करते हुए कई बार खतरनाक परिस्थितियों में सम्मिलित हो जाता है.

The experience of mania can be very frightening and lead to impulsive behavior that has serious consequences for the person and the family.

इसके ठीक विपरीत जब यही व्यक्ति डिप्रेशन के दौर में होता है तब अत्यधिक हताश, निराश प्रतीत होता है, साथ ही अन्य समस्याएं जैसी भूख काम लगना, नींद नहीं आना, चिड़चिड़ापन आदि भी होने लगती है.

Treatment of Bipolar Disorder depends upon the nature, severity and progression of signs n symptoms.


Dr. Pooja Pathak
@swavalambanrehab

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Understanding Dyslexia (learning disability)
DYSLEXIA ALSO KNOWN AS READING DISABILITY, IS A COMMON LEARNING DISORDER IN CHILDREN. IT IS CHARACTERIZED BY DIFFICULTY IN READING DUE TO PROBLEMS IDENTIFYING SPEECH SOUNDS AND LEARNING HOW THEY RELATE TO LETTERS AND WORDS.


Diagnosis of Dyslexia is based on signs/symptoms related to reading/ learning n academic performance of the children.

डिस्लेक्सिया के कुछ प्रमुख लक्षण :

देर से बोलना सीखना,
नए शब्दों को सीखने/बोलने में दिक्कत,
कविताएं सुनाने में अटकना,
वाणी अस्पष्ट होना.

अपनी आयु के समान बच्चो से पढ़ाई में पिछड़ना,
स्पेलिंग (शब्दार्थ) लिखते समय गलती करना,
लिखावट (हैंड-राइटिंग) अस्पष्ट होना,
सुनी गई बात को समझने और रिप्लाय (उत्तर) देने में परेशानी,
त्वरित निर्देशों को समझ नही पाना,
किसी भी क्रिया को करने की प्रक्रिया स्टेप बाए स्टेप फॉलो नही कर पाना.


By applying specific therapeutic strategies and special education techniques,children with Dyslexia can lead a normal productive life.

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